katchatheevu island kha hai, आजकल हमारे देश में एक द्वीप की काफी चर्चा हो रही है जिसका नाम है कच्चातिवु द्वीप। ये द्वीप श्रीलंका और इंडिया के बीच में बसा हुआ है। 285 एकड़ के इस छोटे से द्वीप पर आज भले ही श्रीलंका का कब्जा हो मगर कभी ये द्वीप इंडिया का पार्ट हुआ करता था। अगर आपको इस द्वीप के बारे में डिटेल में जानना है तो इस लेख को पूरा जरूर पढे। इस लेख में हम आपको इस द्वीप के बारे में डिटेल में बताने वाले है। इस लेख में हम आपको ये भी बताने वाले है, आप इस द्वीप पर कैसे जा सकते है।
katchatheevu island kha hai
कच्चातिवु द्वीप बंगाल की खाड़ी को अरब से जोड़ता है। ये द्वीप भारत के रामेश्रवरम से 12 किलोमीटर दूर है। ये पाक जलडमरूमध्य में मौजूद एक बहुत ही छोटा द्वीप है जो 1976 तक भारत में हुआ करता था। इससे पहले श्रीलंका और भारत दोनो इस द्वीप पर अपना अधिकार जताते थे। मगर 1974 में उस वक्त की भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने समकक्ष श्रीलंकाई राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके के साथ चार समुद्री समझौते करे। इस समझौते के तहत भारत ने ये छोटा सा द्वीप श्रीलंका को दे दिया।

कच्चातिवू द्वीप का इतिहास क्या है
कच्चातिवू द्वीप का इतिहास भी काफी रोचक है। 14वीं शताब्दी में एक ज्वाला मुखी विस्फोट हुआ था जिसकी वजह से ये द्वीप वजूद में आया था। ये द्वीप 17वी शताब्दी तक मदुरई के राजा रामानद के अधीन था। बाद में जब अग्रेजो ने भारत पर शासन कर लिया तो ये द्वीप मद्रास प्रेसीडेंसी के पास आ गया। अग्रेजो ने इस द्वीप पर एक चर्च भी बनवाया जिसका आज भी ईसाई धर्म के लोगो के बीच काफी महत्व है।
1947 के बाद जब देश अग्रेजो की गुलामी से आजाद हो गया। तब इस आजाद भारत का हिस्सा माना गया। मगद भारत और श्रीलंका, दोनो देशो के मछुआरे यहा मछली पकड़ने आया करते थे। मगर बाद में इस द्वीप पर श्रीलंका अपना हक जताने लगा। इस द्वीप के ओनरशिप को लेकर ये मुद्दा कई सालो तक चला। बाद में 1974 में एक समझौते के तहत भारत सरकार ने ये द्वीप श्रीलका को गिफ्ट कर दिया। भारत ने साथ में ये शर्त भी रख दी कि भारतीस मछुआरे अपना जाल सुखाने के लिए इस द्वीप का इस्तेमाल कर सकेंगे और द्वीप पर बने चर्च में जाने के लिए भारतीय को बिना वीजा के अनुमित दी जायेगी।
ये भी पढे-
banaras quotes in hindi
varanasi quotes in hindi | banaras shayari in hindi

My name is Ishat Zaidi and I am a travel blogger. Travelling is in my nature. I have travelled a lot in my life so far. During my travels, I am always in search of a new story. Apart from travelling, I am also very fond of writing stories and poems. I think that travelling is very important in life because when you travel around the world, you come across many lives. This also gives you a chance to understand your life. The more you travel, the more you will understand yourself and this world.